Rajasthani culture 3.32

out side delhi gate, meena pari
Alwar City, 301001
India

About Rajasthani culture

Rajasthani culture Rajasthani culture is one of the popular place listed under Non-governmental Organization (ngo) in Alwar City ,

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जब हम राजस्थान की बात करते हैं तो आपके जहन में क्या आता है ? सुन्दर महल, ऊंट की राजसी सवारी ? वीर किवदंतियां रोमांटिक कहानियाँ, जीवंत संस्कृति और आकर्षक विरासत? क्या यहां बताई गयी बातों में सिमट गया है राजस्थान शायद आप हां कहें । चाहिए कोई बात नहीं "राजाओं की भूमि" इससे कहीं अधिक है इससे कहीं विस्तृत है।
राजस्थान
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राजस्थान, एक अविश्वसनीय रूप से सुंदर राज्य भारत के उत्तर पश्चिम में मौजूद है जो अपने आप में कालातीत आश्चर्य का जीवंत उदहारण है, अगर व्यक्ति यात्रा का पारखी है तो उसे यहां जरूर जाना चाहिए। हम इस बात की पूरी गारंटी लेते हैं की वो कभी भी अपनी इस यात्रा को भूल नहीं पायेगा अतः वो यहां एक बार जरूर जाये। प्राचीन वास्तुकला एक चमत्कार के तौर पर राजस्थान को और भी अधिक रॉयल बनाती है जो राजस्थान रॉयल्स की समृद्धि का एक जीवंत उदाहरण है। राजस्थान का शुमार दुनिया की उन जगहों में है जो अपने यहाँ आने वालों को बहुत कुछ देता है । आइये विस्तार से राजस्थान के हर एक पहलुओं पर नज़र डाली जाये।
इस ऐतिहासिक राज्य की स्थलाकृति
देश के पश्चिमोत्तर की ओर स्थित, राजस्थान भारत गणराज्य में क्षेत्र से सबसे बड़ा राज्य है। ये राज्य भारत के 10.4% भाग को अपने में समेटे हुए है जिसमें 342,269 वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र शामिल है। गुलाबी नगरी जयपुर यहाँ की राजधानी है जबकि अरावली रेंज में स्थित माउंट आबू राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन है। राजस्थान का पश्चिमोत्तर भाग काफी शुष्क और रेतीले है जिसमें से अधिकांश भाग को थार रेगिस्तान ने कवर कर रखा है।
राजस्थान की जलवायु
राजस्थान में मौसम को 3 भागों में बांटा गया है जिसमें गर्मी, मानसून और सर्दियों शामिल हैं। पूरा राज्य केवल मॉनसून को छोड़कर बाकी सारे समय शुष्क और सूखा रहता है। राज्य गर्मियों में सर्वाधिक गर्म रहता है इस दौरान यहां का पारा 48 डिग्री तक चला जाता है। पूरे राज्य में केवल माउंट आबू ही वो स्थान है जहां गर्मियों के दौरान मौसम सुखद रहता है।
राजस्थान में आपको कौन सी भाषा सुनने को मिलती है ?
राज्य की मुख्य भाषा राजस्थानी है साथ ही यहां हिन्दी और अंग्रेजी का भी इस्तेमाल व्यापक पैमाने पर किया जाता है। साथ ही यहां की पुरानी पीढ़ी यानी की बुज़ुर्ग आज भी अपनी बोली में सिन्धी भाषा का इस्तेमाल करते है।
रंगारंग संस्कृति और स्वादिष्ट व्यंजन
बात अगर राजस्थान की हो और हम यहाँ की रंगारंग संस्कृति और स्वादिष्ट व्यंजनों की बात न करें तो राजस्थान का जिक्र अधूरा है । राजस्थान राज्य संस्कृति और परंपराओं में आज भी महान समृद्धि का दावा पेश करता है। जबकि राजस्थान के स्थानीय लोगों के बीच संगीत और नृत्य अभ्यास भी बहुत ही जीवंत और आकर्षक हैं, इन बातों के अलावा ये जगह अपने लाजवाब आर्टवर्क के लिए भी जानी जाती है। यहाँ के पारंपरिक कपड़े बहुत ही कलात्मक होते हैं जिसमें शीशे के काम को देखा जा सकता है। कला और उसके प्रेमियों के लिए राजस्थान एक स्वर्ग से कम नहीं है।
राज्य में मनाये जाने वाले प्रमुख त्योहारों में होली, तीज, दीपावली, देवनारायण जयंती, संक्रांति और जन्माष्टमी का विशेष महत्त्व है । इसके अलावा, वर्ष में एक बार मनाया जाने वाला राजस्थानी रेगिस्तान त्योहार, ऊंट मेला , और पशु मेला भी राज्य के प्रमुख उत्सवों में अपनी जगह रखते हैं।
राज्य में पानी के आभाव के चलते आपको यहां ताज़ी सब्जियों में कमी दिखाई देगी। जिसके चलते प्रायः यहां का मुख्य भोजन शुष्क होता है। लेकिन इन बातों के बावजूद यहां के भोजन की जितनी तारीफ की जाये उतनी कम है। अगर यहां के पारंपरिक भोजन की बात की जाये तो इसमें दाल भाटी, बेल गट्टे, रबड़ी, बाजरे की रोटी और लहसुन की चटनी मावा कचौड़ी और बीकानेर ने रसगुल्लों को शामिल किया गया है। अगर आप राजस्थान में हैं तो इन भोजनों को खाने में ज़रा भी संकोच मत कीजिये।
जब आप "राजाओं की भूमि" पर हों तो महलों की सैर करना मत भूलिए!
जैसा की हमने आपको राजस्थान के भूगोल, जलवायु और संस्कृति के बारे में सब कुछ बता दिया है, लेकिन अब जो हम आपको बताने वाले हैं वो कुछ ख़ास है अब हम आपको बताएँगे जब आप इस राज्य में हों तो आप कहाँ अपना डेरा डालें। राजस्थान का हर एक भाग पर्यटन की दृष्टि से अपने आप में रॉयल और खूबसूरत है साथ ही यहाँ ऐसा बहुत कुछ है जो आपका मन मोह लेगा। जयपुर, जोधपुर, उदयपुर और बीकानेर जैसे खूबसूरत शहरों को अपने में समेटने वाले इस राज्य में घूमने से नहीं रोक पाएंगे आप। इसके अलावा यहाँ बांसवाड़ा, कोटा, भरतपुर, बूंदी, विराट नगर, सरिस्का और शेखावाटी जैसे भी शहर हैं जो आपकी यात्रा को और भी अधिक रोचक और यादगार बनाएंगे।
प्रकृति प्रेमियों और वन्य जीवन में रूचि रखने वाले लोगों के लिए भी यहाँ बहुत कुछ है। रणथंभौर राष्ट्रीय उद्यान, सरिस्का टाइगर रिजर्व, दरा वन्य प्राणी अभयारण्य और कुम्भलगढ़ वन्यजीव अभयारण्य यहाँ आने वाले प्रकृति प्रेमियों को हर वो चीज़ देते हैं जिनकी उनको चाह रहती है। यहाँ कई सारे हिन्दू और जैन मंदिर के अलावा पूजा पाठ के कई महत्त्वपूर्ण स्थान भी हैं। इतिहास और वास्तु में रूचि रखने वालों को भी ये राज्य बहुत कुछ देता है । राजस्थान में स्थित हर एक महल, हवेली, किला एक उम्दा वास्तुकला को दर्शाता है।
अतः भारत में स्थित राजस्थान राज्य एक यादगार डेस्टिनेशन है यहां आप जरूर आइये यहाँ कोई न कोई ऐसी चीज जरूर होगी जो आपकी यात्रा को यादगार बना देगी। अंत में हम प्रसिद्द लैटिन दार्शनिक और बिशप सेंट ऑगस्टाइन की एक पंक्ति से आपको जरूर अवगत कराना चाहेंगे " ये दुनिया एक किताब और जो लोग यात्रा नहीं करते उन्होंने अपने जीवन में केवल एक ही पृष्ठ पढ़ा है।"

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