आज हम अपना विश्वास खोते जा रहे हैं; विश्वास-अपने पर, अपनों पर। नाउम्मीदी हमें घेरे है। हमें विश्वास है तो सिर्फ इस बात का कि 'कुछ नहीं हो सकता'। हमारा यही विश्वास हमारी जिन्दगी में कुछ नहीं होने दे रहा। इस सब के पीछे बात सिर्फ इतनी सी कि जिन्दगी के सवाल हम सबसे पूछते है, बस नहीं पूछते तो अपने दिल से।
रोजाना की एक सच्ची कहानी उसी विश्वास को लौटाने की एक कोशिश भर है। दिल से जीने वाले इन लोगों का जीवन ही हमारे लिए प्रेरणा बन सकता है।